OpenAI फिर से एक बार अपने नए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक नए टूल के कारण सुर्खियों में है। इस नए AI टूल का नाम है ChatGPT। जिसको लेकर टेक विशेषज्ञों के अलग अलग विचार है। कुछ लोगो ने तो यह तक कह दिया है कि ये गूगल सर्च इंजन को भी आने वाले समय में कड़ी टक्कर देने वाला है। तो चलिए जानते है कि chat GPT आखिर किस बला का नाम है और ये इतना फेमस क्यों हो रहा है।
ChatGPT क्या है ?
यह GPT-3 (Generative Pretrained Transformer 3) पर आधारित एक Chat Bot और सर्च इंजन का सम्मिलित रूप है है। इसे कैलिफ़ोर्निया की OpenAI नाम की कंपनी से डेवलप किया है। यहआर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का यूज़ करके बिलकुल इंसानो जैसे बातचीत करने में सक्षम है।
यह NPL (नेचरल प्रोसेसिंग लैंग्वेज ) की सहायता से आपके प्रश्नो के उत्तर दे सकता है,आपके लिए मेल या लेटर टाइप कर सकता है यह तक की प्रोग्राम के लिए कोड भी लिख सकता है। यह 175 बिलियन मापदंडो से सुसज्जित, अब तक का सबसे पावरफुल और समझदार, language processing AI मॉडल है।
ChatGPT को कैसे यूज़ करे ?
ChatGPT को यूज़ करना बहुत ही आसान है।
Step-1: इसके लिए बस आपको OpenAI के वेबसाइट (ChatGPT) पर जाना होगा। फिर TRY CHATGPT पर क्लिक करना होगा।
Step-2: इसके बाद आपको कुछ ऐसा पेज दिखेगा। यह पर आपको पहली बार Sign up करना होगा।
Step-3: Login करने के लिए आप अपने gmail या फिर किसी और mail Id का भी इस्तेमाल कर सकते है। email id डालने के बाद आपको continue बटन पर क्लिक करना होगा।
Step-4: Continue button पर क्लिक करने के बाद आपके सामने कुछ ऐसा पेज ओपन होगा जिसमे आपको अपना नाम डालना होगा और continue पर क्लिक करना होगा।
Step-5: Continue पर क्लिक करने के बाद आपके सामने फ़ोन नंबर वेरिफिकेशन पेज ओपन होगा। यहाँ आपको अपना मोबाइल नंबर डालना होगा और Send code via SMS पर क्लिक करना होगा। क्लिक करने के बाद आपके फ़ोन पर एक वेरिफिकेशन कोड आएगा। इस कोड को आपको verify करना होगा और आपका ChatGPT अकाउंट बन कर तैयार हो चूका है।
Step-6: अकाउंट verify होने के बाद आपके सामने कुछ इस तरह का पेज ओपन होगा। जहाँ पर आप अपनी कोई भी quarry या कोई भी work assistant प्राप्त कर सकते है।
अभी ChatGPT अपने टेस्टिंग फेज़ में है। यह अभी अपने यूजर से फीडबैक लेकर खुद को और accurate answer देने के लिए trained कर रहा है
क्या ChatGPT फ्री है ?
इसका उत्तर है – हाँ, ChatGPT अभी अपने बीटा वर्जन में है और OpenAI इसे और बहेतर बनाने के लिए लोगो से फीडबैक ले रहा है। शायद भविष्य में इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको पैसे देने पड़े पर अभी यह बिलकुल फ्री है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए बस आपको एक अकाउंट बनाने की जरूरत है और अकाउंट बनाने का पूरा प्रोसेस मैंने ऊपर बताया है।
ChatGPT कैसे काम करता है?
OpenAI के human artificial intelligence ने इस ChatBot को इंटरनेट पर उपलब्ध असीमित डाटा की मदद से इसे ट्रेंड किया है। ChatGPT के पास 570 GB यानि लगभग 300 बिलियन शब्दों का डाटा है जोकि किताबो, webtexts, विकिपीडिया और इंटरनेट पर प्रकाशित आर्टिकल से लिया गया है।
इसे प्रभावशाली बनाने के लिए इसे Reinforcement Learning from Human Feedback (RLHF) प्रक्रिया से प्रशिक्षित किया गया है। जिसमे AI ट्रेनर्स इस लैंग्वेज मॉडल को ट्रेंड करने के लिए ट्रेनर और यूजर दोनों की तरह आपस में बात करते है और फीडबैक लेके ChatBot को और aqurate answer देने के लिए तैयार करते है।
क्या ChatGPT गूगल से बेहतर है ?
ChatGPT के भले ही 300 बिलियन शब्दों का डाटा उपलब्ध है पर अभी भी इसके पास सिमित ज्ञान ही है क्योकि यह AI language model इंटरनेट से नहीं जुड़ा है। इसका मतलब यह है कि ChatGPT अभी real time conversation करने के लिए उसके पास उपलब्ध डाटा का ही उपयोग करता है। जबकि गूगल सर्च इंजन इंटरनेट पर उपलब्ध वेबपेज की मदद लेता है।
जबभी कभी हम किसी विषय की जानकारी के लिए जब गूगल पर सर्च करते है तो तो वह हमे इंटरनेट का उपलब्ध सबसे लेटेस्ट वेबपेज और aqurate डाटा कोही हमारे सामने लाता है। वही ChatGPT के पास केवल नवंबर-2022तक का ही डाटा उपलब्ध है। ये 2023 में अब तक हुई किसी भी घटना का जवाब हमे नहीं दे सकता जबकि गूगल हमे 2023 में ये आर्टिकल लिखे जाने तक जोभी कुछ घटनाये हुई है उसकी भी जानकारी प्रदान कर सकता है। इसलिए अभी तो यही निष्कर्ष निकलता है की ChatGPT, Google से बहेतर नहीं है।
ChatGPT को किसने बनाया है?
ChatGPT को OpenAI Inc. नाम की कैलिफ़ोर्निया में स्तिथ एक नॉन प्रॉफिट कंपनी के डेवलप किया है जोकि Artificial Inelligence (AI ) पर रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट का कार्य करती है। इस कंपनी को 2015 में Sam Altman और Elon Musk जैसे कई सिलिकॉन वैली के टेक इन्वेस्टर्स ने 1 बिलियन डॉलर की रकम से शुरू किया था।
इस कम्पनी का मुख्य उद्देश्य आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को डेवलप करना और इस टेक्नोलॉजी को मानवता की भलाई के लिए उपयोग करना है। Elon Musk ने 2018 अपनी निजी कंपनियों ( टेस्ला और न्यूरोलिंक ) के साथ हो रहे conflit of intrest के चलते इस कंपनी के बोर्ड मेंबर के पद से इस्तीफा दे दिया था।